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Why shouldn't be proud to be a Muslim! This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Why shouldn't be proud to be a Muslim!

हर किसी को अपने धर्म पर गर्व है, तो मुस्लिम होने पर, मैं गर्व क्यों न करूं! आप कोई काम करते होंगे, क्या उस पर आपको गर्व नहीं? क्या अपने काम के प्रति अपनी डेडिकेशन और विश्वास पर, आपको गर्व नहीं होना चाहिए? अपने धर्म पर प्राउड करना गलत नहीं है, लेकिन इसकी एक शर्त यह है कि यह प्राउड, आपको अहंकारी न बनाए, दूसरों के लिए हीन भावना रखने के लिए प्रेरित न करे, उनके साथ भेदभाव और उन्हें अपमानित करना न सिखाए। हमें अपने धर्म पर गर्व है, क्योंकि यह हमें, एक अच्छा इनसान बनाता है! मुस्लिमों की होली बुक- कुरान है! अल्लाह ने अपने मैसेंजर के रूप में पैगंबर हजरत मोहम्मद को चुना और उनके लिखे वचन आज, न सिर्फ मुसलमानों, बल्कि पूरी दुनिया को गाइड करते हैं! हमारे इस धर्म ग्रंथ की 6,666 आयतों में, मनुष्य के अस्तित्व, मानवता, समानता, न्याय और शांति से लेकर, मार्डन साइंस में पर्वत, सूर्य और समुद्र के बारे में एक विस्तृत ज्ञान दिया गया है! ‘‘हर व्यक्ति को उसके इरादे के लिए पुरस्कृत किया जाएगा’’, पैगंबर मुहम्मद के ये अलफाज़, हमें अपने इरादे को नेक रखने की हिदायत देते हैं! मुस्लिमों का आधा ईमान ही, खुद की साफ-सफाई में निहित है! और यही कारण है कि, यूरोपियों ने हाइजीन की वैल्यू इस्लाम से ही सीखी थी! प्रूवन फैक्ट है कि आज से सालों पहले, मार्डन साइंस की नींव भी, मुसलमानों ने रखी थी! इसके अलावा, फारसी व्हील और पानी का पंप दोनों ही, इस्लामिक आविष्कार हैं। कुरान ने मनुष्य की एकता और इन्सान की इंपॉर्टेंस पर जोर दिया है। कुरान में मानव के चार पहलू बताए गए हैं - हमारी फिजिकल क्रिएशन, हमारी आत्मा, हमारा स्वभाव और हमारा प्रकाश यानी एनलाइटमेंट! और ये सब ईश्वर से डायरेक्ट कनेक्टेड हैं!

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हमारा धर्म, हर परिस्थिति में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और जिन पर जुल्म हुए हैं, उनके साथ खड़े रहने के लिए कहता है! कुरान न केवल न्याय पर जोर देती है बल्कि न्याय से ऊपर, अपने हित की कीमत पर दूसरों की भलाई के लिए काम करने की सिफारिश करती है! यानी अगर, आपके पास खुद का या फिर दूसरों का भला करने का एक मौका हो, तो खुद के लाभ के अवसर का त्याग कर, दूसरों की भलाई चुनें! हमारी इस पवित्र पुस्तक में साफ कहा गया है कि ‘‘हे ईमान वालो, अल्लाह के लिए सीधे रहो और इन्साफ के साथ गवाह बनो!’’ कुरान के मुताबिक, अगर आप किसी पर विश्वास करते हैं और वो आपको धोखा दे रहा है, तब भी सब कुछ अल्लाह पर छोड़ दें, वो उन्हें देख रहा है! हमारी यह धार्मिक पुस्तक, एक ऐसी लाॅ बुक है, जो हमें, विश्वास करना और मोरल वैल्यू सिखाती है! हमारी यह किताब, शांति और दयालुता की बात करती है,! और दयालुता ही शांति की ओर, पहला कदम है! हमारी कुरान, सरल शब्दों में जीवन के नियम-कायदे बताती है, जिसमें हर अच्छे कर्म का फल क्या होगा, बुरे कर्म के नुकसान, गलती का पछतावा करने के तरीके, उसकी सजा और कयामत के बाद की लाइफ सहित, वर्तमान जीवन के तमाम डाउट्स के समाधान लिखे गए हैं और इसी क्लैरिटी की वजह से यह बुक अपने आप में संपूर्ण है! 1 दिन में 5 वक्त की नमाज, वो रिमांइडर है, जो हमें हर पल, कुरान के विचारों को याद रखने और उनका पालन करने की प्रेरणा देती है!

अल्लाह ने हमें, सीधे तौर पर न्याय और निष्पक्ष रहने का आदेश दिया है! अगर आपको, कभी अल्लाह के प्रति अपनी आस्था और भक्ति दिखाने का मन हो, तो अपने हर कर्म में अल्लाह को महसूस करें! याद रखें, हमारा धर्म, हमें ईश्वर का रिप्रेजेंटेटिव मानता है! हम इस धरती पर, जो कुछ भी करते हैं, वो अल्लाह के लिए कर रहे हैं! हम अज्ञानता या नेगेटिव सोच के चलते अक्सर, किसी भी धर्म की गहराई और उसकी वास्तविकता को जाने बिना, उसके खिलाफ कुछ भी धारणा बना लेते हैं! ऐसा करके हम खुद को ही, मिसगाइड कर रहे हैं, क्योंकि ईश्वर, हर रूप में, अच्छाई का सोर्स है और हर धर्म की, हर पवित्र पुस्तक, हमारी पथ प्रदर्शक है! जरूरत है तो, सिर्फ इन्हें दिल से अपनाने और समझने की! हमारा धर्म भी मानता है और यही सच है कि, जो इंसान धर्म में विश्वास करता है, उसका हर कार्य, पूजा-अर्चना है। मतलब अगर आपकी नियत नेक है, और आपके तरीके सही हैं, तो आपका हर काम, अल्लाह की इबादत है! एक पवित्र नीयत से खाना और रोजी-रोटी कमाना भी इबादत है। अपने धर्म पर विश्वास और अल्लाह के साथ यही प्रेम, हमें सभ्य बनाता है, और याद रखें इनसानियत का नाम ही, इस्लाम है!